Income Tax Return (ITR) क्या है? और ITR कैसे भरें?

क्या आप जानते हैं कि Income Tax Return (ITR) क्या है? अगर आप नही जानते तो में आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाला हूं जैसे – ITR के कैसे भरे?, ITR कौन भर सकता हैं?, इसके क्या फायदे है।

Income Tax Return (ITR) क्या है?

Income Tax (आयकर) मतलब अपने इनकम का टैक्स भरना । देश के किसी भी व्यक्ति द्वारा वित्तीय वर्ष कमाई गयी आमदनी पर केंद्र सरकार द्वारा कर (Tax) वसूला जाता है। सरकार द्वारा वसूले गए इस टैक्स को आयकर (Income Tax) कहा जाता है । आयकर से प्राप्त होने वाली कमाई का उपयोग सरकार अपनी गतिविधियों और जनता की सुविधाओं और सेवाओं को प्रदान करने में करती है

यह आय से सम्बंधित एक फॉर्म होता है । इसमें फॉर्म में आयकर देने वाले व्यक्ति को अपनी आमदनी, खर्च, टैक्स और निवेश के बारे में आयकर विभाग को बताना होता है । किसी व्यक्ति की आमदनी के आधार पर उसकी टैक्स देनदारी की सीमा तय होती है ।

Income Tax Return (ITR) कौन भर सकता हैं?

इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की धारा 139(1) के अनुसार, कोई भी व्यक्ति जिसकी कुल कमाई वित्तीय वर्ष (Financial Year) में टैक्स के दायरे में आती है तो उनको इनकम टैक्स भरना अनिवार्य है।

जो भी नौकरी या खुद का वावस्य कर रहा हो और उनकी आमदनी अगर टैक्स के दायरे में आती है तो उनको इनकम टैक्स देना होगा।

इनकम टैक्स विभाग में किन लोगो को आईटीआर फाइल करना चाहिए:-

  • 60 वर्ष से कम आयु वाले व्यक्ति की वार्षिक आय अगर 2.5 लाख रु. से अधिक हो।
  • 60 से 80 वर्ष की आयु वाले व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय 3 लाख रु. या उससे अधिक हो।
  • 80 वर्ष से आधिक आयु वाला व्यक्ति जिसकी वार्षिक आय 10 लाख से अधिक हो।
  • हर कंपनी या संगठन टैक्स भरने के लिए बाध्य है, चाहें उसे लाभ हो या नुकसान।
  • यदि आप कोई नुकसान अगले वित्तीय वर्ष (financial Year) में ले जाना चाहते हों।
  • एक भारतीय निवासी जिसकी देश से बाहर भी कोई संपत्ति या कुछ कारोबार है।
  • किसी लोन या वीजा के लिए आवेदन करने पर भी ITR जरूरी होता है।
  • यदि किसी व्यक्ति को धर्म स्थान, किसी अनुसंधान, संघ, शैक्षिक केंद्र, चिकित्सा केंद्र, गैर-सरकारी विश्विद्यालय से इनकम होती है.
  • इसके अलावा यदि किसी NRI (अप्रवासी भारतीय) के पास भारत में इनकम के स्रोत हैं तो ITR फाइल करना जरूरी होगा ।

यदि कोई व्यक्ति कही नौकरी कर रहा है और उसकी आय tax के दायरे में आती है तो उसके नियोक्ता द्वारा कुछ हिस्सा उसकी सैलरी में से काट लिया जाता है जिसे हम TDS कहते है । फिर उस व्यक्ति द्वारा उस वितीय वर्ष की आयकर रिटर्न भरते समय सिर्फ अपनी आय ही दिखानी होती है उसे कोई tax नहीं देना होता है । यदि नियोक्ता द्वारा अधिक tax की कटौती कर ली जाती है तो ITR फाइल के द्वारा हम उस tax को वापस Refund करवा सकते है

Income Tax Return के लिए कौन से आवश्यक दस्तावेज जरूरी है?

आयकर के लिए जरूरी दस्तावेज निनलिखित है:-

  1. पैन कार्ड ( PAN Card )
  2. आधार कार्ड ( Aadhar Card )
  3. बैंक स्टेटमेंट / बैंक पास बुक ( Bank Statement / Bank Pass Book )
  4. बेंको या Post Office से ब्याज प्रमाण पत्र

नौकरी करने वाले कुछ और दस्तावेज जरूरी होते है जो निम्नलिखत है:-

  • फॉर्म 16 / 16 A
  • फॉर्म 26 AS
  • सैलरी स्लिप
  • TDS प्रमाण पत्र

Income Tax Return (ITR) फॉर्म कितने प्रकार के होते है?

अक्सर ITR फाइल करते समय हम कंफ्यूज हो जाते है कि हमें कोनसा फॉर्म भरना है और कोनसा नहीं , क्योंकि ITR Return के फॉर्म 7 प्रकार के होते है । करदाता को इन सभी फॉर्म को जानना चाहिए और अपनी इनकम सोर्स के अनुसार उचित फॉर्म का चयन करना चाहिए । तो आइये जानते है वे कौन से फॉर्म है:–

ITR 1 :-ITR 1 को ‘सहज’ भी कहा जाता है । जिस व्यक्ति की कुल आय 50 लाख रूपये से कम है और उनकी आय का स्त्रोत वेतन , पेंशन , ब्याज , किराया आदि है तो उन्हें ITR 1 फॉर्म भरना चाहिए ।

ITR 2 :- यह फॉर्म उन व्यक्तियों या HUF ( हिन्दू अविभाजित परिवार ) के लिए है जिनकी आय का स्त्रोत व्यवसाय या पेशे के लाभ से न होकर अलग – अलग मकानों के किराया से हो , कैपिटल गेन से हो या फिर लोटरी से हो ।

ITR 3 :- यह फॉर्म उन व्यक्तियों या HUF के लिए है जिनकी आय का स्त्रोत किसी फर्म या कंपनी से प्राप्त होने वाले लाभ , वेतन , पेंशन या अन्य इनकम से है ।

ITR 4 :- यह फॉर्म उनके लिए है जिनकी आय एक से ज्यादा House प्रॉपर्टी से है , कृषि आय हो । और जिनकी आय व्यवसाय या पेशे से 44AD , 44ADA या 44AE के तहत आती है ।

ITR 5 :- यह फॉर्म उन सभी व्यक्तियों ,HUF , फर्म , कंपनियों तथा ITR 7 फाइल करने वाले व्यक्तियों के आलावा सभी के लिए है ।

ITR 6 :- यह फॉर्म उन सभी कंपनियों के लिए है जो आयकर कानून की धारा 11 के तहत छुट का दावा नहीं कर रहे है ।

ITR 7 :- यह फॉर्म उन सभी व्यक्तियों औए व्यवसायों के लिए है जिन्हें धारा 139 (4A ) , धारा 139 (4B ) , धारा 139(4C ) , धारा 139(4D ) , धारा 139(4E ) या धारा 139(4F ) के तहत ITR फाइल करना अनिवार्य है ।

Income Tax Return (ITR) कैसे भरें?

ITR भरने के दो तरीके है एक ऑफलाइन और दूसरा ऑनलाइन

ऑफलाइन आईटीआर भरने के लिए आपको CA (Chartart accountant) से भर वाना होता है। आप उसको अपने दस्तावेज दे दें वो भर देंगे। और वो आपसे आईटीआर भरने का कुछ चार्ज करेगा। और जब भी आपका आईटीआर का due date आयेगा तब वो आपको इनफॉर्म करेगा ताकि आपको fine ना देना पड़े।

ऑनलाइन ITR भरने के लिए आपको e – filling website पर जाना होगा। उस पे आप आसानी से आईटीआर भर सकते है और आप अपने दस्तावेज pdf के जरिए अपलोड कर सकते है उसके बाद आपका आईटीआर फाइल हो जायेगा।

ITR due date कब तक होता है।

केंद्र सरकार द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि पहले ही घोषित कर दी जाती है । अमूमन यह तिथि 31 जुलाई रहती है । तथा जिन वयवसाय या कंपनियों की ऑडिट होती है उनकी अंतिम तिथि 30 सितम्बर रहती है । विशेष परिस्थितियों में सरकार द्वारा इस तिथि को आगे भी बढाया जा सकता है

Income Tax Return (ITR) भरने के क्या फायदे है:-

आयकर रिटर्न भरने के बहुत से फायदे है यदि आप इसे सही तरीके से और सही समय पर भरते है तो । वैसे तो हर उस व्यक्ति को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करनी चाहिए जिसकी सालाना आमदनी होती है चाहे वह टैक्स के दायरे में नहीं आती हो । यदि आपको ITR रिटर्न फाइल करना आता है तो आप खुद से भी फाइल कर सकते है अन्यथा आप कुछ fees देकर एक्सपर्ट्स जैसे C.A. , वकील , अकाउंटेंट आदि की भी मदद ले सकते है । आइये जानते है आयकर रिटर्न भरने के क्या फायदे है :-

  • Income Declair होना : यदि आप ईमानदारी से अपनी आय घोषित करते है तो यह आपके लिए ही फायदेमंद होगा । क्योंकि आप ITR फाइल के दौरान जितनी आय दिखाते है वह आपकी शुद्ध आय अर्थार्त एक नंबर की आय मानी जाएगी ।
  • लोन लेने में आसानी : यदि आप बैंक से किसी भी प्रकार का कोई लोन जैसे Home Loan , Car Loan या फिर Personal Loan लेते है तो आपको कम से कम बीते 3 सालो की ITR दिखानी होती है । क्योंकि बैंक आपको उसी प्रकार से लोन provide करवाता है जितनी आपकी ITR में इनकम show रहती है ।
  • TDS Refund : नियोक्ता द्वारा यदि आपकी आय पर अधिक TDS काट लिया जाता है तो आप ITR फाइल करके अपने कटे हुए अधिक tax को Refund करा सकते है ।
  • Credit Card की सुविधा लेने पर : यदि आप किसी बैंक से Credit Card की सुविधा लेना चाहते है तो आपको कम से कम 3 साल की इनकम टैक्स रिटर्न बैंक को देनी होती है ।
  • वीजा मिलने में आसानी : जो व्यक्ति समय पर ITR File करते है उनके वीजा मिलने में काफी आसानी रहती है । क्योंकि इस दौरान आपसे 3 साल का ITR माँगा जाता है ।
  • सरकारी ठेका प्राप्त करने के लिए : यदि कोई व्यक्ति सरकार द्वारा जारी किये जाने वाले Tender लेना चाहता है तो उसे कम से कम 3 साल की ITR दिखाना होता है ।

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