चेक (Cheque) कितने प्रकार के होते है? और पेमेंट कैसे करें?

यदि आप चेक बुक के बारे में जानते है तो आपके मन में ये सवाल जरूर आता होगा कि चेक बुक (Cheque Book) कितने प्रकार के होते है जिससे हम अपने पेमेंट का भुगतान कर सकते है? तो चलिए इसके बारे में पूरे विस्तार में जानते है?

इस आर्टिकल के माध्यम से में चेबुक के कितने प्रकार होते है? और चेक बुक से पेमेंट कैसे करें? अगर आप चेकबुक के बारे में और जानकारी के लिए इसे पढ़े – चेक बुक क्या होता है? और चेक बुक के क्या फायदे है?

चेक कितने प्रकार के होते है?

चेक चार प्रकार के होते है जो निम्न है:-

  • खुला चेक (Open Cheque)

खुला चेक ( Open Cheque ) वह चेक होता है जिसे हम बैंक में ले जाकर तुरंत नगद प्राप्त कर सकते है । अर्थार्त इसमें आपको clear होने के लिए इंतजार नहीं करना पड़ता है । give and take अर्थार्त चेक देना और पैसे लेना ! ओपन चेक को धारण करने वाला व्यक्ति बैंक में जाकर कैशियर को चेक दिखाकर तुरंत नगद पैसे प्राप्त कर सकता है । या इसे अपने अकाउंट में भी ट्रान्सफर करवा सकता है

  • आदेश चेक (Order Cheque)

आदेश चेक ( Order Cheque ) वह चेक होता है जिसमे भुगतान निर्दिष्ट अथवा आदेशित व्यक्ति को ही किया जाता है । इस प्रकार के चेक पर आदेशित व्यक्ति के नाम के साथ ‘order’ शब्द लिख दिया जाता है । इस प्रकार के चेक का भुगतान बैंक केवल उसी व्यक्ति को करता है जिस व्यक्ति का नाम उस चेक पर लिखा होता है । इस चेक में व्यक्ति चेक के भुगतान को cash न लेकर अपने अकाउंट में भी ट्रान्सफर कर सकता है या चेक के पीछे हस्ताक्षर कर वह किसी अन्य व्यक्ति को भी इसके लिए अधिकृत कर सकता है ।

  • बेयरर/ वाहक चेक (Bearer Cheque)

वाहक चेक ( Bearer Cheque ) वह चेक होता है जिसे अकाउंट होल्डर का कोई भी व्यक्ति बैंक में जाकर उसे भुना सकता है । इस प्रकार के चेक में order की जगह bearer लिखा होता है जिसे कोई भी व्यक्ति बैंक से भुना सकता है । इस प्रकार के चेक risky होते है क्योंकि यदि चेक किसी कारणवश खो जाता है तो कोई भी व्यक्ति उसे बैंक में ले जाकर भुना सकता है और इसका गलत फायदा उठा सकता है

  • क्रॉसेड चेक (Crossed Cheque)

क्रॉस्ड चेक ( crossed cheque ) वह चेक होता है जो किसी विशेष व्यक्ति या संस्था के नाम से लिखा जाता है तथा जिसमे ऊपर की बायीं तरफ समान्तर दो तिरछी लाइन खीच दी जाती है तथा लाइन के बिच में “account payee” लिखा भी हो सकता है और नहीं भी । इस प्रकार के चेक को हम जिस नाम से यह लिखा होता है । उसके अकाउंट में ही ट्रान्सफर करवा सकते है नगद प्राप्त नहीं कर सकते है

चेक से पेमेंट करने के लिए, चेक का कितने आधार पर वर्गीकरण किया गया है :-

चेक का तीन आधार पर वर्गीकरण किया गया है जो निम्न है :-

  1. स्थान के आधार पे चेक का वर्गीकरण
  2. मूल्य के आधार पे चेक का वर्गीकरण
  3. गारंटी भुगतान के आधार पे चेक का वर्गीकरण

स्थान के आधार पे चेको का वर्गीकरण:-

  • स्थानीय चेक ( Local Cheque ) : स्थानीय चेक वह चेक होता है जो एक ही शहर के बैंक में clear हो जाता है । अर्थार्त मान लीजिये शहर A का चेक A शहर में ही clear हो जाता है तो उसे स्थानीय चेक कहते है । इस प्रकार को चेक को clear करवाने के लिए आपको अलग से कोई charges नहीं देने होते है ।
  • आउटस्टेशन चेक ( Outstation Cheque ) : यह वह चेक होता है जिसे किसी दुसरे शहर में जाकर clear करवाया जाता है । मान लीजिये हमारे पास किसी A शहर का चेक है और हम उसे B शहर में clear करवाते है तो उसे आउटस्टेशन चेक कहते है । इस प्रकार के चेक को clear करवाने के लिए आपको अलग से चार्ज देना होता है ।
  • एट पार चेक ( At Par Cheque ) : यह ऐसा चेक होता है जिसे हम पुरे देश के किसी भी बैंक ब्रांच में जाकर clear करवा सकते है । इस चेक की एक खास बात यह होती है कि इसमें आपको कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना होता है ।

मूल्य के आधार पे चेको का वर्गीकरण:-

  • साधारण मूल्य वाले चेक ( Normal Value Cheques ) : साधारण मूल्य वाले चेक वह चेक होते है जो 1 लाख रूपये से कम वैल्यू वाले होते है ।
  • ऊँचे मूल्य वाले चेक ( High Value Cheques ) : यह वह चेक होते है जो 1 लाख रूपये से अधिक मूल्य वाले होते है ।
  • उपहार चेक ( Gift Cheques ) : जब हम किसी को कोई चेक उपहारस्वरूप देते है तो वह उपहार चेक कहलाते है । इन चेको की राशी 100 रूपये से लेकर 10000 हजार रूपये तक हो सकती है ।

गारंटी भुगतान के आधार पे चेको का वर्गीकरण:-

  1. सेल्फ चेक (Self Cheque):- सेल्फ चेक वह वह चेक होता जिसमे अकाउंट होल्डर स्वयं भुगतान प्राप्त करने हेतु बैंक में उपस्थित होता है । इस प्रकार के चेक में भुगतान पाने वाले व्यक्ति के नाम के स्थान पर ‘self’ लिखा होता है
  2. आगे तारीख वाला चेक (Post Dated Cheque- PDC):- इस प्रकार के चेक से अभिप्राय एक ऐसे चेक से है जिसमे आगे की तिथि अंकित कर दी जाती है । जिसका अर्थ हुआ कि ऐसे चेक का भुगतान उस अंकित तिथि को या उसके बाद की तिथि को ही हो सकता है
  3. पीछे तारीख वाला चेक ( Ante Dated Cheque- ADC):- यह वह चेक होता ही जिसमे पीछे की तिथि अंकित की जाती है अर्थार्त बैंक में प्रस्तुत करने से पहले की तिथि अंकित होती है । इस प्रकार के चेक को हम अंतिम तिथि से तीन महीने के पूरा होने तक भुनाया जा सकता है
  4. स्टेल चेक (Stale Cheque):- प्रायः सभी प्रकार के चेको का यह नियम होता है कि हम उसे उस पर अंकित तिथि से तीन महीने के अन्दर भुना सकते है । यदि हम ऐसा नहीं करते है और तीन महीने की सीमा समाप्त हो जाती है तो इस प्रकार के चेक को काल बाधित चेक कहते है । इसे अवधि पार चेक भी कहते है । इस प्रकार के चेक को बैंक द्वारा कभी स्वीकार नहीं किया जाता है

चेक भरते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

  • अकाउंट होल्डर को चेक भरते समय उसमे तिथि को जरुर अंकित करना चाहिए । बिना तिथि के चेक अधुरा माना जायेगा और बैंक इसे लेने से इंकार कर देगा ।
  • चेक को भरते समय उसमे जो प्राप्त करता है उस नाम का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए । यदि अकाउंट होल्डर सवयं ही उसका भुगतान प्राप्त करना चाहता है तो उस पर ‘self’ लिखा होना चाहिए ।
  • चेक को भरते समय उस पर आप जो अमाउंट लिखते हो वह अंको और शब्दों दोनों में अंकित करनी चाहिए । अंको में लिखने के बाद एक तिरछी लाइन खीच देनी चाहिए जैसे – 5000/- ! तथा शब्दों में लिखने के बाद आगे only/मात्र शब्द लगा देना चाहिए । इसका फायदा यह होता है कि कोई भी अमाउंट के साथ छेड़ – छाड़ नहीं कर सकता है ।
  • अकाउंट होल्डर को चेक पर हमेशा वही हस्ताक्षर करने चाहिए जो उसके द्वारा बैंक में किये गए थे ।
  • यदि चेक भरते समय कोई काटा – पिटीं हो जाती है तो अकाउंट होल्डर को उस जगह पर अपने हस्ताक्षर करने चाहिए । बिना हस्ताक्षर किये बैंक ऐसे चेक का भुगतान करने से मना कर सकता है।
  • चेक को भरने के बाद उसकी प्रविष्टि चेक बुक में कर लेनी चाहिए ताकि आपके पास निर्गमित चेक की पूरी जानकारी हो ।

उम्मीद करता हूं कि मेरे द्वारा दी गई जानकारी चेक बुक कितने प्रकार के होते है? का उत्तर मिल गया होगा। तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तो के साथ शेयर करो ताकि उनको भी इसकी जानकारी मिल सके और इसका लाभ उठा सकें।

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