American Express और Diner Club पर आरबीआई की पाबंदी, 1 मई से नहीं जोड़ पाएंगे नए ग्राहक

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अप्रैल 2018 सर्कुलर के मुताबिक, बोर्ड से अप्रूव्ड ऑडिट रिपोर्ट 31 दिसंबर 2018 तक जमा करना था. हालांकि ये दोनों कंपनियों ने यह नियम पूरा नहीं किया जिसके बाद RBI को सख्त कदम उठाना पड़ा.

नई दिल्ली: अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प ( American Express Banking Corp) और डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल लिमिटेड ( Diners Club International Ltd) पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने शुक्रवार को पाबंदी लगा दी. RBI ने आज रिलीज जारी करके कहा है, “इन कंपनियों ने पेमेंट सिस्टम डाटा स्टोरेज के दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया है जिसकी वजह यह फैसला लेना पड़ा.” RBI का यह फैसला कंपनी के मौजूदा ग्राहकों पर कोई असर नहीं डालेगा, लेकिन दोनों ही 1 मई 2021 से वह किसी को डोमेस्टिक कस्टमर्स को अपना कार्ड जारी नहीं करेंगे.

अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प और डाइनर्स क्लब इंडिया को पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम्स एक्ट, 2007 (PSS Act) के तहत भारत में पेमेंट सिस्टम ऑपरेट करने का अधिकार है. RBI के आज के फैसले के मुताबिक, 1 मई से कोई दोनों कंपनियां नए ग्राहकों को अपना कार्ड जारी नहीं कर पाएंगी. 

टाइमलाइन में RBI को नहीं दे पाए रिपोर्ट 

RBI ने पेमेंट सिस्टम डाटा के स्टोरेज पर अप्रैल 2018 में ही एक सर्कुलर जारी किया था. इस सर्कुलर के मुताबिकसभी पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर्स को अपना डाटा सिर्फ इंडिया में ही स्टोर करना होगा. इसके साथ ही कंपनियों को सिस्टम अप्रूव्ड ऑडिट रिपोर्ट भी एक तय टाइमलाइन में RBI को देनी थी. RBI ने पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों को 6 महीने के भीतर यानी 15 अक्टूबर 2018 तक नियमों को पालन करने का वक्त दिया था. अप्रैल 2018 सर्कुलर के मुताबिकबोर्ड से अप्रूव्ड ऑडिट रिपोर्ट 31 दिसंबर 2018 तक जमा करना था. हालांकि ये दोनों कंपनियों ने यह नियम पूरा नहीं किया जिसके बाद RBI को सख्त कदम उठाना पड़ा.

बैंकों को कुछ शर्तों के साथ 50% लाभांश भुगतान करने की दी अनुमति

इधर शुक्रवार को ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वाणिज्यिक बैंकों (Commercial Banks) को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कुछ शर्तों और सीमा के साथ लाभांश का भुगतान करने की अनुमति दे दी है. RBI ने 22 अप्रैल को कहा कि वाणिज्यिक बैंक 31 मार्च, 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष के लिए मुनाफे से इक्विटी शेयरों पर पूर्व-COVID का 50 प्रतिशत तक भुगतान कर सकते हैं. रिजर्व बैंक के संशोधित परिपत्र के अनुसार वाणिज्यिक बैंक कोविड-पूर्व के स्तर की तुलना में 50 प्रतिशत लाभांश का भुगतान कर सकते हैं. सहकारी बैंकों के मामले में लाभांश पर सभी प्रकार के अंकुश हटा दिए गए हैं.