बैंक ग्राहकों की शिकायतों (customer complaints) को अब हल्के में नहीं ले पाएंगे. बल्कि अब बैंकों में ग्राहकों की शिकायतें कम करने की होड़ मच सकती है. दरअसल रिज़र्व बैंक (Reserve Bank) ने ग्राहकों की शिकायत निपटाने के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. जिसके तहत किसी बैंक के खिलाफ ज्यादा शिकायतें मिलने पर बैंक वित्तीय खामियाजा (financial losses) भुगतेंगे. क्योंकि ज्यादा शिकायत वाले बैंक से जुड़ी कंप्लेंट के निपटारे पर अब जो भी खर्च होगा रिज़र्व बैंक इसकी भरपाई संबंधित बैंक से ही करेगा. हालांकि ग्राहक से शिकायत की सुनवाई पर पहले की ही तरह कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा. ये भी ध्यान रखने की बात है कि ये व्यवस्था फिलहाल बैंकिंग शिकायतों से जुड़ी है और बाकी किसी और संस्थान के खिलाफ शिकायतों पर ये गाइडलाइन अभी नहीं लागू है.
क्या है रिजर्व बैंक की नई गाइडलाइन – (What is the new guidelines of the Reserve Bank)
Table of Contents
रिवर्ज बैंक की नई पॉलिसी के तहत बैंकों के खिलाफ शिकायत सुनवाई के खर्च की वसूली बैंक से की जाएगी. ज्यादा शिकायतों के आधार पर बैंकों पर ये पॉलिसी लागू होगी. बैंक ग्राहक बैंकिंग ओम्बुड्समैन (Banking Ombudsman) के पास जो शिकायत दर्ज कराएंगे उसी आधार पर फैसला लिया जाएगा. टॉप 5 शिकायतें किस सर्विस से जुड़ी हैं ये भी ब्यौरा देना होगा. शिकायतें बढ़ती रहीं तो बैंक के शिकायत निपटारे की समीक्षा की जाएगी.
बैंक के कस्टमर सर्विस कमेटी (Customer Service Committee) के कामकाज की भी समीक्षा होगी. ये भी देखा जाएगा कि शिकायतों पर मैनेजमेंट कितना गंभीर है. समीक्षा के बाद बैंक को RBI एक एक्शन प्लान बनाकर देगा. बैंकों को एक्शन प्लान तय समय सीमा में लागू करना होगा. तय सीमा में लागू नहीं तो बैंक के ऊपर रेगुलेटरी एक्शन होगा. 2018–19 में शिकायत सुनवाई पर औसत खर्च 3145 रु रही. गाइडलाइन के दायरे में क्षेत्रीय ग्रामीण बैक (regional rural bank) छोड़ बाकी सब बैंक होंगे. गाइडलाइन 27 जनवरी 2021 की तारीख से लागू मानी जाएगी. बैंक अपनी सालाना रिपोर्ट में शिकायतों पर ज्यादा डिस्क्लोज़र देंगे.
शिकायतों की खर्च वसूली का क्या होगा पैमाना – (What will be the scale of recovery of complaints expenses)
- प्रति ब्रांच शिकायत औसत शिकायत से अधिक होना
- प्रति हजार खातों पर आई हुई शिकायतों की संख्या
- औसत 1000 डिजिटल ट्रांजैक्शन (Digital transaction) पर कितने कंप्लेंट
कैसे वसूली जाएगी निपटारे की लागत – (How will the settlement cost be recovered)
- किसी एक पैमाने पर अधिक तो 30% खर्च की वसूली
- किसी दो पैमाने पर अधिक तो 60% खर्च की वसूली
- तीनों पर औसत से अधिक तो पूरे खर्च की रिकवरी
- प्रति शिकायत वसूली साल के औसत खर्च तय होगी
शिकायतों पर बैंक देंगे ज्यादा डिस्क्लोजर – Banks will give more disclosure on complaints
- खुद के पास आई शिकायतों पर
- साल के शुरू में अनसुलझी कितनी शिकायतें बची रहीं
- साल के शुरू में कुल कितनी नई शिकायत आई बताएंगे
- कितनी शिकायतों का निपटारा किया ये बताना होगा
- ये भी बताना होगा कि कितनी शिकायतें रिजेक्ट की गईं
- साल के आखिर में बची हुई शिकायतें भी बताएंगे बैंक
ओम्बुड्समैन से आई शिकायतों पर – On complaints from ombudsman
- ओम्बुड्समैन से आई कितनी शिकायतें सुनवाई लायक रहीं
- कितनी शिकायतों पर बैंक के पक्ष में ओम्बुड्समैन का फैसला
- साल में कितनी शिकायतें सुलह समझौते से निपटाई गईं
- शिकायतें जिनमें ओम्बुड्समैन का फैसला बैंक के खिलाफ
- ऐसे मामले जिसमें ओम्बुड्समैन के आदेश का पालन नहीं
किन-किन मामलों के शिकायतों पर लागू
- ATM/डेबिट कार्ड
- क्रेडिट कार्ड
- इंटरनेट/मोबाइल/इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग
- खाते खोलने/बंद करने में दिक्कत=
- मिस सेलिंग/पैरा बैंकिंग
- रिकवरी एजेंट/डायरेक्ट सेल्स एजेंट
- सीनियर सिटीजन आदि के पेंशन
- लोन और एडवांस
- बिना नोटिस चार्ज/अधिक चार्ज/फोरक्लोज़र चार्ज
- चेक/ड्राफ्ट/बिल
- फेयर प्रैक्टिस कोड का पालन न करना
- सिक्के बदलने/छोटे नोट सिक्के न लेने की शिकायत
- बैंक गारंटी/लेटर ऑफ क्रेडिट
- स्टाफ का व्यवहार
- ब्रांच में सेवाएं/कामकाज के घंटे आदि
- अन्य कोई भी शिकायत
किन चीज़ों से ज्यादा परेशान बैंक ग्राहक
शिकायत हिस्सा
- ATM/डेबिट कार्ड 21.96%
- मोबाइल/इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग 13.38 %
- फेयर प्रैक्टिस कोड का न पालन 11.73%
- क्रेडिट कार्ड 9.30%
- वादा खिलाफी 8.11%
(स्रोत: RBI)
कैसे करें RBI के पास शिकायत
- सबसे आसान व्यवस्था है RBI का CMS
- CMS: Complaint Management System
- RBI की वेबसाइट पर जाकर CMS खोजें
- ये है https://www.rbi.org.in/Scripts/Complaints.aspx
- अपना ब्यौरा देकर शिकायत किसके खिलाफ ये दें
- CMS से खुद ही शिकायत संबंधित संस्था को जाएगा
- बैंकिंग ओम्बुड्समैन के पास डाक से भी शिकायत संभव